तुझ संग ही है तुझ संग ही है कितनी दफा सांझ को मेरी मैंने तेरे ही तुझ संग ही है तुझ संग ही है कितनी दफा सांझ को मेरी मैंने तेरे ही
देख मेरी किस्मत अपनी मां की नजर में ही नहीं उठ पाई मै। देख मेरी किस्मत अपनी मां की नजर में ही नहीं उठ पाई मै।
तेरे बारे में जो ख्याल आये ,वो अच्छा है , तू दिल और जान में समाये ,तू सच्चा है। तेरे बारे में जो ख्याल आये ,वो अच्छा है , तू दिल और जान में समाये ,तू सच्चा है।
स्त्री बेचारी कोरोना माहमारी के इस दौर में सबसे सशक्त है केवल नारी। स्त्री बेचारी कोरोना माहमारी के इस दौर में सबसे सशक्त है केवल नारी।
यह कविता उस नन्ही सी लड़की का दर्द बताती है जो अपनी माँ की कोख में ही मार दी जाती है। यह कविता उस नन्ही सी लड़की का दर्द बताती है जो अपनी माँ की कोख में ही मार दी जाती...
दुनिया से जाने न दो , मुझे आने दो माँ , मुझे आने दो। दुनिया से जाने न दो , मुझे आने दो माँ , मुझे आने दो।